Monday, June 10th, 2024

आयुर्वेद के अनुसार लिवर को कैसे रखें दुरुस्‍त


हमारे शरीर के अंदर मौजूद हर अंग कोई ना कोई महत्वपूर्ण कार्य करता है। ऐसा ही कुछ हमारा लिवर भी करता है। दूसरे ओर्गेन्स के मुकाबले लिवर की ज़िम्मेदारी शरीर को लेकर अधिक होती है। यह भोजन को पचाने और डिटॉक्स करने के अलावा कई अन्य कार्य भी करता है। ऐसे में लिवर का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। आपके आस पास ऐसे बहुत से लोग होंगे जो अपनी खराब जीवनशैली और बेकार के खान पान की वजह से लिवर के साथ खिलवाड़ करते हैं। इसका प्रभाव जल्द ही कई बीमारियों के रूप में देखने को मिलता है।


लिवर का ध्यान सही प्रकार ना रखने से हेपेटाइटिस, पीलिया और फैटी लिवर जैसी समस्या भी पैदा होने लगती है। वही एक अच्छा लाइफ स्टाइल और सही खान पान के जरिए आप अपने लिवर को सुरक्षित रख सकते हैं। लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के बहुत से राज आयुर्वेद में भी छिपे हुए हैं। बीते समय में लोगों ने एक बार फिर से आयुर्वेद का रूख करना शुरू कर दिया है। इसलिए आज हम आपको आयुर्वेद के कुछ ऐसे रहस्यों से रूबरू कराएँगे, जिसके जरिए आप अपने लिवर का पूरा ध्यान रख सकेंगे।

आयुर्वेद की माने तो लिवर का संबंध पित्त दोष, खून और जठराग्नि (जठराग्नि- भोजन करने के बाद पेट में जलती है जिससे भोजन तेजी से पचता है) से है। अगर आपका लिवर स्वस्थ नहीं है तो यह इन तीनों चीजों को प्रभावित करता है। इसके अलावा लिवर के स्वस्थ ना रहने पर पीलिया, फैटी लिवर या लिवर को सिकोड़ने की समस्या भी उत्पन्न होने लगती है।


ऐसे में लिवर आपके भोजन को पचाने में भी योगदान देता है। इसलिए आप लिवर को सही खाद्य सामग्री के जरिए भी स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। इसके लिए आप कई तरह की जड़ी बूटियों, फल एवं सब्जियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। चलिए जानते हैं किस तरह की खाद्य सामग्री से लिवर तंदुरुस्त रहता है।

पपीता का उपयोग ऐसे
पपीते का सेवन हम सभी ने किया है और हम यह भी जानते हैं कि यह सेहत के लिए कितना फ़ायदेमंद है। पपीता उतना ही फ़ायदेमंद लिवर के लिए भी हो सकता है। लेकिन इसके लिए आपको पपीते के फल के बीज और पेड़ की पत्तियों की भी जरूरत पड़ेगी। इसके लिए आप सबसे पहले पपीते के बीज को धूप में सूखा लें। अब इसे पीस कर रख लें और पानी में डालकर पीना शुरू कर दें। अगर आप इसका अधिक फायदा उठाना चाहते हैं तो आप इस मिश्रण में नींबू का रस भी मिला कर पिएं।

त्रिफला
त्रिफला का नाम आयुर्वेद की उन दुर्लभ जड़ी बूटियों में शामिल है, जिसके जरिए लिवर से संबंधित कई तरह की समस्या से छुटाकार पाया जा सकता है। इसमे हरीतकी, बिभीतकी और आंवला जैसी तीन गुणकारी जड़ी बूटी शामिल होती हैं। अगर आप सोने से पहले महज एक चुटकी इसके पाउडर का सेवन करते हैं तो यह आपके मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने का कार्य करती है। इसके अलावा यह आपके खून को साफ करेगी और बॉडी को डिटॉक्स भी करेगी।


लहसुन
लहसुन का उपयोग आमतौर पर सभी के घरों में होता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि लहसुन के सेवन के जरिए लिवर से संबंधित कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। रोजाना सुबह अगर आप लहसुन से बनी चाय का सेवन करते हैं तो इससे आपको फैटी लिवर की समस्या नहीं होती और यह आपके लिवर के अंदर मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालने का कार्य करता है।

आंवला
आंवला का इस्तेमाल सदियों से बालों की देखभाल के लिए किया जा रहा है। लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि यह लिवर के लिए भी उतना ही फ़ायदेमंद होता है। दरअसल आंवला में विटामिन सी प्रचूर मात्रा में पाई जाती है जो लिवर के आस पास फैट जमा होने से रोकता है। साथ ही यह फैटी लिवर की समस्या भी पैदा नहीं होने देता।

आप आंवला का सेवन सीधा भी कर सकते हैं, या फिर आप इसका जूस या पाउडर का सेवन भी कर सकते हैं। अगर आप आंवला का सेवन जूस के रूप में कर रहे हैं तो आप इसका खाली पेट सेवन करें। इसके अलावा अगर आप इसका सीधा सेवन कर रहें हैं तो इसके तुरंत बाद पानी भी पी सकते हैं।

Source : Agency

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